*|| श्री बजरंग बाण ||
====>||दोहा||<====
निश्चय प्रेम प्रतीत ते , विनय करै सनमान |
तेहि के कारज सकल शुभ , सिद्ध करैं हनुमान ||
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जय हनुमंत संत हितकारी |
सुनि लीजै प्रभु विनय हमारी ||
जन के काज विलंब न कीजै |
आतुर दौरि महासुख दीजै ||
जैसे कूदि सिंधु महिपारा |
सुरसा बदन पैठि विस्तारा ||
आगे जाय लंकिनी रोका |
मारेहु लात गई सुरलोका ||
जाय विभीषण को सुख दीन्हा |
सीता निरखि परम-पद लीन्हा ||
बाग उजारि सिंधु महँ बोरा |
अति आतुर जमकातर तोरा ||
अक्षय कुमार को मारि संहारा |
लूम लपेटि लंक को जारा ||
लाह समान लंक जरि गई |
जय जय धुनि सुरपुर में भई ||
अब विलंब केहि कारन स्वामी |
कृपा करहु उर अंतर्यामी ||
जय जय लखन प्राण के दाता |
आतुर होय दुःख करहु निपाता ||
जय हनुमान जयति बल-सागर |
सुर समुह समरथ भट-नागर ||
ऊँ हनु हनु हनु हनुमन्त हठीलै |
बैरिहि मारू बज्र की कीलै ||
गदा बज्र लै बैरिहि मारो |
महाराज प्रभु दास उबारो ||
ऊँकार हुँकार महाप्रभु धावो |
बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो ||
ऊँ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमंत कपीशा |
ऊँ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा ||
सत्य होहु हरि शपथ पायके |
राम दूत धरू मारू जाय के ||
जय जय जय हनुमंत अगाधा |
दुःख पावत जन केहि अपराधा ||
पूजा जप तप नेम अचारा |
नहिं जानत कछु दास तुम्हारा ||
वन उपवन मग गिरि गृह माहीं |
तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं ||
पांय परौं कर जोरि मनावौं |
येहि अवसर अब केहि गोहरावौं ||
जय अंजनि कुमार बलवन्ता |
शंकर सुवन वीर हनुमंता ||
बदन कराल काल-कुल-घालक |
राम सहाय सदा प्रतिपालक ||
भूत,प्रेत , पिशाच , निशाचर |
अगनि बेताल काल मारी मर ||
इन्हें मारू तोहि शपथ राम की |
राखउ नाथ मर्याद नाम की ||
जनकसुता हरि दास कहावौ |
ताकी शपथ , विलंब न लावौ ||
जै जै जै धुनि होत अकाशा |
सुमिरत होत दुसह दुःख नाशा ||
चरण शरण कर जोरि मनावौं |
यहि अवसर अब केहि गोहरावौं ||
उठु , उठु , चलु तोहि राम दुहाई |
पांय परौं कर जोरि मनाई ||
ऊँ चं चं चं चं चपल चलंता |
ऊँ हनु हनु हनु हनु हनुमंता ||
ऊँ हं हं हांक देत कपि चंचल |
ऊँ सं सं सहमि पराने खल दल ||
अपने जन को तुरत उबारो |
सुमिरत होय आनंद हमारो ||
यह बजरंग बाण जेहि मारै |
ताहि कहो फिरि कौन उबारै ||
पाठ करै बजरंग बाण की |
हनुमत रक्षा करैं प्राण की ||
यह बजरंग बाण जो जापै |
तासों भूत-प्रेत सब कांपै ||
धूप देय अरू जपै हमेशा |
ताके तन नहिं रहैं कलेशा ||
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====>||दोहा||<====
प्रेम प्रतीतिहि कपि भजै , सदा धरै उर ध्यान |
तेहि के कारज सकल शुभ , सिद्ध करैं हनुमान ||
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====>समाप्त<=====
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Lable :- Shree Bajrang Baan
Posted By :-
Rajkumar Deshmukh
On 26 August 2016 , Friday.
